मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

चर्चा चुगली-गेहूं की फसल में मांसाहारी कीट- सिर्फस मक्खी

सिर्फ़स मक्खी का प्रौढ
 



आंवला के फूलों पर परागकणों का रसास्वादन करते हुए सिर्फस मक्खी का प्रौढ।



जिला जींद में निडाना की धरती पर इस वर्ष रबी के सीजन में गेहूं की फसल पर सिर्फस नामक मक्खियों ने डेरा जमाए रखा ताकि इसके शिशुओं को जिन्हें लोग मैगट कहते है,खाने को भर पेट खाना मिल जाए। इन मक्खियों के बच्चे बड़े चाव से चेप्पा खाते है। इनके प्रौढ सौ नही कई सौ चेप्पे खा कर हज को जाते है। प्रौढ तो सुमनरस अर् परागकण खा पीकर ही गुज़ारा करते है।



गेहूं की फसल में सिर्फस का प्यूपा।



सिर्फस का मैगट सुबह के नाश्ते में चेप्पे निगलते हुए।





सिर्फस का मैगट सुबह के नाश्ते में चेप्पे निगलते हुए।





गेहूं की बाली पर सिर्फस का मैगट व चेप्पे की लाशें।






सरसों के पत्ते पर चेप्पे की कालोनी में सिर्फस का मैगट व अंडा।







गेहूं की बालियों के तुशों पर सिर्फस का अंडा। 








3 टिप्‍पणियां: