
"इसकै आगै किसकी बसावै, बेटा। तोला मरले, कदे राह में ऐ डोब दे। " - बच्ची कै बाबु नै इजाजत देन में जमां ऐ हाण नहीं लाई।
चस्का इसी ये चीज हो सै, बच्ची भी बसाऊ अर् बागे की गेल्याँ ऐ कमरे में दाखिल होया। इस टेम पै साँझ के कमांडरां नै फार्म पर देख, रतन न्यूं कहन लगा, " आऔ। आज इस टेम पर न्यूं क्यूकर ? आज तो गजब होग्या। काना सुनी अर् आँख्याँ देखी बात आज झूठ होती देखी। कान-झूठे, आँख-झूठी, ट्रेनिंग-झूठी, अर् कृषि विभाग आले झूठे। सब इस बात के गवाह थे अक् लेडी बीटल मांसाहारी कीट होते हैं। पर आऔ इस अक्संड पर देखो यू लेडी बीटल के करन लग रहा। ध्यान तै देखो ! लगरया सै इसके हाड्डा में बैठन। माँ-बेटां नै सारे पत्ते खुरच-खुरच कै खा लिए। यें इसके अंडे रहे।
बसाऊ - " रतने तेरी बात में दम तो दिखै सै। इस प्रौढ नै ध्यान तै देखो। वही सूरत, वही आकार,वही जोगिया रंग की पंख तथा इन पर वही काले टिक्के पर यू के इसकी पंखों में मनियारी की चूडियाँ आली चमक तो कोण।
इसके अंडे, इसके गर्ब तथा इसके प्यूपा नै दोबारा गौर से देखो। मनै तो इब कुछ फर्क सा दिखन लागा। इसका मतलब सारे बीटल लेडी बीटल नहीं होते। कुछ बीटल तो पौधों के हाड़्डां में बैठ्नीयें भी हों सै - हाड़्डा बीटल "

"ठीक बोल्या काका। म्हारा अंग्रेज़ी आला मास्टर भी सातवीं क्लास में न्यूं पढाया करता कि हर लेडी तो महिला होती है पर हर महिला लेडी नहीं होती। इसलिए मेरे तो तेरी हाड़्डा बीटल आली बात जच्ची। "- बीच में ऐ बच्ची नै अपनी नारेंद्र्ता दिखाई।
रतन - बात तो थारी राह लागदी सै। पर यू बागा आज जमां ऐ नी चुस्कदा।
बागा - मैं तो चुनाव मैं वोटर की तरियाँ बिचल कै खड़ा होगा। पुरी तस्सली करके थारी बात मांनूगा।
नरेंद्र बच्ची - पंडित जी, आप ठहरे भावी सरपंच। आप नै तो वैसे ही बहुमत का ख्याल रखना चाहिए।
नरेंद्र बच्ची - पंडित जी, आप ठहरे भावी सरपंच। आप नै तो वैसे ही बहुमत का ख्याल रखना चाहिए।
बागा - ख्याल घोडतू का रखूं। प्रजातंत्र में ना तो गुणों की गुणा-भाग होती है अर् ना वजन की माप-तोल। इसमें तो केवल संख्या का घटा-जोड़ होता है। इसीलिए तो इसमें संख्या बल पर इक्यावन गधों की पच्चास घोडों पर पिलती है।